सोमवार, 30 मई 2011

नील गगन के प्यारे तारे .

शिशुगीत : सुनैना अवस्थी 
नील गगन  के  प्यारे  तारे  . 
लगते  कितने  न्यारे तारे . 
चम चम-चम  चम चमक रहे हैं,
 जुगनू  जैसे दमक रहे हैं . 
चंदा के संग नभ में छाए , 
ये चंदा के राजदुलारे . 
चंदा मामा के ये बच्चे , 
सूरज दादा से ये डरते . 
जब भी आते सूरज दादा , 
आसमान में छिपते तारे . 

5 टिप्‍पणियां:

  1. आसमान में दिखते तारे, मामा के बच्चे होते हैं!
    --
    बहुत बढ़िया कल्पना की गई है, इस गीत में!

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  2. पहली बार आपके ब्लॉग पर आई. वाकई, यह तो मजेदार गीत है...
    ___________________

    'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!

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  3. अच्छी रचना... .है . यों ही नियमित लिखिए , शुभकामनाएँ .

    अभिनव सृजन

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