नील गगन के प्यारे तारे .
शिशुगीत : सुनैना अवस्थी
नील गगन के प्यारे तारे .
लगते कितने न्यारे तारे .
चम चम-चम चम चमक रहे हैं,
जुगनू जैसे दमक रहे हैं .
चंदा के संग नभ में छाए ,
ये चंदा के राजदुलारे .
चंदा मामा के ये बच्चे ,
सूरज दादा से ये डरते .
जब भी आते सूरज दादा ,
आसमान में छिपते तारे .
आसमान में दिखते तारे, मामा के बच्चे होते हैं!
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बहुत बढ़िया कल्पना की गई है, इस गीत में!
बहुत प्यारी कविता
जवाब देंहटाएंपहली बार आपके ब्लॉग पर आई. वाकई, यह तो मजेदार गीत है...
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'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
बहुत सुंदर शिशुगीत .....
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना... .है . यों ही नियमित लिखिए , शुभकामनाएँ .
जवाब देंहटाएंअभिनव सृजन